तारे(stars)
तारे(stars)चमकने वाले पिण्ड है।जिनका अपना खुद का प्रकाश तथा ऊष्मा ऊर्जा होता है।सूर्य हमारी पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा है।यह पृथ्वी से 150 मिलियन दूर है तथा प्रकाश की चाल 3×10⁸ मी/से होती है।इसलिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने में 8.3 मिनट(500 सेकेंड)का समय लेता है।सौर तंत्र का सबसे निकटतम तारा प्राक्सिमा सेंचुरी है।जिसकी पृथ्वी से दूरी 4.3 प्रकाश वर्ष है।सामान्यतया एक तारा
70% हाइड्रोजन
28%हिलीयम
1.5% कार्बन,नाइट्रोजन और नियान
0.5% आयरन तथा अन्य गैस
से मिलकर बना होता है।तारे केवल 25% बहुत कम एकल अवस्था में होते है।ये लगभग 33% युग्मो में होते है,जो कई बाइनरी तारे कहलाते है।तथा अन्य बहुसंख्यक तारे कहलाते है।एल्फा सैन्चुरी तीन तारों से तथा कैस्टर(मिथुन)छः तारे से मिलकर बना है,जो कि पृथ्वी से 4.35 प्रकाश वर्ष दूर है।
तारे का जीवन चक्र
जब तारे में हाइड्रोजन कम हो जाती है।तो इसकी बाहरी सतह फूलने लगती है और तारा लाल हो जाता है।यह तारें के अंतिम समय की पहली निशानी है।ऐसे को लाल दानव(red giant)कहते है।हमारा सूर्य आगामी 5अरब वर्षो में ऐसा लाल दानव बन जाएगा ऐसी सम्भावना है।
लाल दानव के बाद तारे में दो स्थितियों में से कोई एक स्थिति आती है या तो वह श्वेत वामन तारे में बदलता है।या फिर न्युट्रान तारें मे।यदि तारे का प्रारंभिक दव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के बराबर हो तो वह श्वेत वामन तारा बनता है तथा यदि तारे का प्रारंभिक द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से बहुत अधिक हो तो उसका अंत अत्यंत विस्फोटक होता है व न्युट्रान तारा बनता है।स्पष्ट है कि लाल दानव तारें का भविष्य उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
श्वेत वामन तारे
यह बहुत छोटा,गर्म तारा होता है तथा इसके जीवन चक्र की अंतिम अवस्था सूर्य की तरह होती है।श्वेत वामन तारे का द्रव्यमान सूर्य के समान होता है।परन्तु यह केवल सूर्य के व्यास का 1% लगभग पृथ्वी के व्यास के जितना होता है।
यह तारे की विस्फोटक मृत्यु का परिणाम है।जिससे बहुत कम समय के लिए 100 मिलियन सूर्य की चमक प्राप्त होती है।
न्युट्रान तारा
जब अधिनव तारा विस्फोटित होता है।तब न्युट्रान संघटित होकर न्युट्रान तारे बन जाते है।इलेक्ट्रान और प्रोटान बलपूर्वक जुड़कर न्युट्रान तारे बनाते है।इन तारों का द्रव्यमान तीन गुना अधिक परन्तु इसका व्यास केवल 20 कि.मी होता है।यदि इसके द्रव्यमान का मान अधिक है तब इसका घनत्व भी शक्तिशाली होगा तथा यह सिकोड़कर दोबारा कृष्ण छिद्र बना लेगा।पल्सर वे न्युट्रान तारे है।जो तीव्र गति करते है।
कृष्ण छिद्र
अत्यधिक द्रव्यमान वाले वे तारे जिनका जीवन समय खत्म हो जाता है।कृष्ण छिद्र बनाते है।कृष्ण छिद्र में द्रव्यों का घनत्व नही मापा जा सकता है।
कृष्ण छिद्र का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना प्रबल होता है।कि इससे किसी भी पदार्थ का यहाँ तक की प्रकाश का भी पलायन नही हो सकता ।
तारामंडल
आकाश गंगा में कुछ सुन्दर एंव व्यवस्थित आकृतियो के रूप में पाए जाने वाले तारो का समूह को तारामंडल कहा जाता है।जैसे मन्दाकिनी आकाशगंगा में पाया जाने वाला सप्त ऋषि मंडल,ओरिआन,हाइड्रा,ध्रुवतारा हरकुलिज इत्यादि तारामंडल के उदाहरण है।
आपको मेरी दी गई जानकारी कैसी लगी मुझे जरूर कमेंट करे।
विकिरण(Radiation)किसे कहते है?
[…] तारे(stars)किसे कहते है? […]
2noisily
sildenafil 50mg for sale – order sildenafil 100mg sale buy sildenafil 50mg pills
buy prednisolone pill – gabapentin 800mg cost us pharmacy cialis
buy augmentin 625mg generic – augmentin 625mg sale tadalafil 5mg tablet
itna ache se taro ke bare me details phali bar padhi hai. Thank you for sharing. Keep it up.
buy generic bactrim 480mg – buy bactrim 960mg online sildenafil 100mg without prescription
cephalexin 250mg generic – order cephalexin 125mg for sale order erythromycin 500mg pills
buy sildenafil 100mg online – order sildenafil 50mg generic ivermectin price usa
order generic rhinocort – buy antabuse for sale order disulfiram 500mg for sale
cefuroxime 250mg for sale – buy cialis 10mg cialis for sale online
ampicillin canada – order tadalafil pills buy tadalafil 20mg pills
amoxicillin 500mg for sale – amoxicillin without prescription vardenafil 20mg uk