उच्च दाब वेल्डिंग व निम्न दाब
वेल्डिंग क्या है?
उच्च दाब वेल्डिंग और निम्न दाब वेल्डिंग ये वेल्डिंग करने की विधि हैं।जो वेल्डिंग करते समय अपनाई जाती है।दोस्तो ये दोनो ऑक्सी एसिटिलीन गैस वेल्डिंग के अन्दर आते हैं।
उच्च दाब वेल्डिंग-
जब एसिटिलीन गैस को बड़े कारखानो मे तैयार करके 15 किग्रा प्रति वर्ग सेंटीमीटर दाब पर सिलेंडरों मे भरकर प्रयोग किया जाता है।तो इस वेल्डिंग को उच्च दाब वेल्डिंग कहा जाता है।
निम्न दाब वेल्डिंग-
जब एसिटिलीन गैस का उत्पादन छोटे से गैस जनरेटर मे कार्यस्थल पर ही 1.00 किग्रा प्रति वर्ग सेंटीमीटर दाब पर या इससे भी कम दाब पर करके वेल्डिंग की जाती हैं तो इसे निम्न दाब वेल्डिंग कहते हैं।
आइये अब इनके बीच अन्तर क्या-क्या है वो भी जान लें।
1.उच्च दाब वेल्डिंग को बड़े बड़े कारखानो मे तैयार किया जाता है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग को गैस दुकानो पर ही छोटे गैस जनरेटर द्वारा तैयार किया जाता है।
2.उच्च दाब वेल्डिंग गैस सिलेंडर मे भारी होती है।इन गैसों का दाब 15 कि मी/सेमी2 होता हैं।निम्न दाब वेल्डिंग गैस जनरेटर के ही ऊपर वाले भाग मे 1 किग्रा/सेमी2 पर इकट्ठा की जाती हैं।
3.उच्च दाब वेल्डिंग गैस शुद्ध व शुष्क अवस्था में प्राप्त होती है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग को गैस को शुद्ध करने के लिए गैस प्योरिफायर तथा ड्रायर से गुजरना पड्ता है।
4.उच्च दाब वेल्डिंग ओक्सिजन तथा एसिटिलीन दोनो गैसें उच्च दाब के कारण स्वतः मिक्स हो जाती हैं।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग एसिटिलीन गैस की पूरी सप्लाई रखने के लिए इंजेक्टर कोन प्रयोग की जाती हैं।इसमे से जब ऑक्सीजन गुजरती है तो आसपास कम दाब बनाती हैं जिसके कारण अधिक एसिटिलीन आक्सीजन मे मिक्स होने के लिए खिचती हैं।
5.उच्च दाब वेल्डिंग मे सिलेंडर में एसिटिलीन उच्च दाब पर भरी होने के कारण प्रेशर रेगुलेटर की आवश्यकता होती है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग में गैस निम्न दाब होने पर रेगुलेटर की आवश्यकता नहीं होती हैं।
6.उच्च दाब वेल्डिंग मे उच्च दाब वाली वेल्डिंग टॉर्च का प्रयोग किया जाता है।जबकि इसमे निम्न दाब के टार्च का प्रयोग किया जाता है।
7.उच्च दाब वेल्डिंग मे वेल्डिंग करने के लिए दोनो सिलेंडरों को एक ट्रॉली में रखकर सुविधापूर्वक किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकता है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग में गैस जनरेटर को आसानी से एक स्थान से दुसरे स्थान पर नही ले जाया जा सकता हैं।
8.उच्च दाब वेल्डिंग मे वॉटर सील या हाईड्रोलीक बैक प्रेशर वाल्व की आवश्यकता नहीं होती हैं।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग मे बैक फायर का ड़र रहने के कारण वॉटर सील या हायड्रोलीक बैक प्रेसर वाल्व की आवश्यकता रहती हैं।
9.उच्च दाब वेल्डिंग मे केल्सियम कर्बाईड़ की आवश्यकता नहीं होती हैं।तैयार सिलेंडर मे पहले से भरी होती हैं।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग में केल्सियम कर्बाईड़ के द्वारा तैयार की जाती हैं।
10.उच्च दाब वेल्डिंग मे दुर्घटना होने का भय कम होता है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग मे दुर्घटना होने का भय ज्यादा रहता हैं।
11.उच्च दाब वेल्डिंग मे वेल्डिंग की जगह सफाई रहती हैं।क्युकी इसका कोई वेस्ट प्रोडक्ट् नही है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग केल्सियम कर्बाईड़ तथा पानी की क्रिया से एसिटिलीन गैस तथा केल्सियम हायड्रोआकसाइड बनाता हैं।इस प्रकार बने केल्सियम हायड्रोआकसाइड से गंदगी फैलती हैं।
12.उच्च दाब वेल्डिंग में जब सिलेंडर मे गैस रहती हैं।तब तक लगातार कार्य किया जाता है।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग मे सिलेंडर मे कम दाब से गैस रहने के कारण जल्दी समाप्त हो जाता हैं।तथा बार बार कर्बाईड़ लगाना पडता है और पानी की आवश्यकता नहीं होती हैं।
13.उच्च दाब वेल्डिंग महंगी होती है।क्युकी इसमे प्रारंभिक लागत तथा कार्यकारी लागत दोनो ही अधिक होते हैं।जबकि निम्न दाब वेल्डिंग सस्ती होती हैं।क्युकी इनकी प्रारम्भिक लागत तथा कार्यकारी लागत दोनो ही कम होते है।
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